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बदल जाएगा 65 साल पुराना आवश्यक वस्तु अधिनियम, किसानों की इनकम बढ़ेगीnirmala-sitharaman.jpg May 15, 2020 young organiser

आत्मनिर्भर भारत पैकेज की तीसरी किश्त में वित्त मंत्री अन्य बड़ी घोषणाएं

www.youngorganiser.com …बदल जाएगा 65 साल पुराना आवश्यक वस्तु अधिनियम, किसानों की इनकम बढ़ेगी…

Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 16 May 2020.

 Fri, 11:23 AM (IST) :Team Work:  Pawan Vikas Sharma , Kunwar , Imtiaz Chowdhury, Arun Gavaskar, Siddharth, Sandeep Agerwal, Kuldeep Sharma,Gurmeet , Kapish, Sampada Kerni & Taru. R.Wangyal

नई दिल्ली : आत्मनिर्भर भारत पैकेज की तीसरी किश्त में वित्त मंत्री ने एकबार फिर से किसानों और कृषि संबंधी अन्य काम जैसे फिशरीज, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, मधुमक्खी पालन, पशुपालन को राहत देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आज की घोषणा का फोकस 11 प्रमुख बिंदुओं पर है। इनमें से आठ बिंदुओं के जरिए कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक मजबूत करने की कोशिश की गई है और तीन उपाय प्रशासनिक सुधार से जुड़े हैं।

किसानों के लिए क्या-क्या?

1. कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए तमाम उपाय किए गए हैं। इस दौरान MSP खरीदारी के जरिए किसानों के हाथों में 74,300 करोड़ रुपये दिए गए। पीएम किसान योजना के तहत उनके खाते में 18,700 करोड़ रुपये जमा किए गए। पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपये के दावों की पूर्ति की गई।

2. कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ का ऐलान। वित्त मंत्री ने कहा कि अपने देश में कृषि उत्पादों के लिए भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं है। उचित भंडारण नहीं होने के कारण अनाज को काफी नुकसान पहुंचता है।

3. किसानों को बेहतर मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में संशोधन करेगी। अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू सहित कृषि खाद्य सामग्री को डी-रेग्युलेट किया जाएगा

4. किसानों की जोखिम रहित खेती, निश्चित आय और गुणवत्ता के मानकीकरण के लिए एक कानून बनाया जाएगा, यह कानून किसान को आकर्षक मूल्य पर उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करेगा।

5. कृषि उपज मूल्य और गुणवत्ता पर किसान को आश्वासन प्रदान करने के लिए, किसानों को उचित और पारदर्शी तरीके से प्रोसेसर, एग्रीगेटर्स, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि के साथ जोड़ने के लिए सुविधाजनक कानूनी ढांचा बनाया जाएगा

6. ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगा। इसके लिए 500 करोड़ की घोषणा की गई है। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में छह महीने के लिए लागू किया जाएगा।

7. हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है। अगले दो सालों में 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल खेती का लक्ष्य रखा गया है। गंगा किनारे औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। हर्बल खेती से किसानों को 5000 करोड़ की इनकम होगी।

डेयरी और पशुपालन के लिए क्या-क्या?

1. वित्त मंत्री ने 15 हजार करोड़ रुपये के एनिमल हसबैंड्री इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड की घोषणा की। इससे इस इंडस्ट्री में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को मदद मिलेगी। नीश प्रॉडक्ट्स के निर्यात के लिए प्लांट लगाने पर इन्सेंटिव मिलेगा।

2. देश में पशुधन को बढ़ाने के उद्देश्य से (भैंस, भेड़, बकरी और सुअर) 100% टीकाकरण के लिए 13,343 करोड़ रूपए के कुल ‘राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम’ की शुरूआत की गई है। इस प्रोग्राम के तहत 53 करोड़ जानवरों को वैक्सीन दी जाएगी जिसमें 1.5 करोड़ गाय-भैंस शामिल होंगे।

3. लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग में 20-25 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में डेयरी उद्योग को काफी नुकसान हुआ है। सरकार ने डेयरी को-ऑपरेटिव को राहत देते हुए वित्त वर्ष 2020-21 में ब्याज दर पर सालान 2 फीसदी राहत देने का फैसला किया है। इस स्कीम के जरिए 5000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी आएगी और 2 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा।

मछली पालन के लिए क्या-क्या?

1. मछली पालन को बूस्ट देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 20 हजार करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को लॉन्च किया जाएगा। इस कदम से 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा और 1 लाख करोड़ रुपये का दोहरा निर्यात होगा।

2. मत्स्य क्षेत्र को मदद मिल सके इसके लिए, मरीन कैप्चर फिशरीज और एक्वाकल्चर के संचालन में ढील दी गई है।

इसके अलावा दो लाख मधुमक्खी पालनकर्ताओं को लाभान्वित और महिलाओं के क्षमता निर्माण पर विशेष जोर देने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन के लिए 5,00 करोड़ की स्कीम लाई जाएगी, इससे इस क्षेत्र में आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा।

माइक्रो फूड एंट्रप्राइजेज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है। यह प्रधानमंत्री मोदी के विजन वोकल फॉर लोकल को आगे लेकर जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अन-ऑर्गनाइज्ड माइक्रो फूड एंट्रप्राइजेज (MFE) को टेक्निकली अपडेट करने की जरूरत है जिससे उन्हें FSSI से मंजूरी मिल सके। इस स्कीम से करीब 2 लाख MFE को लाभ मिलेगा।

दूसरी किश्त में किसान और प्रवासी मजदूर

दूसरी किश्त में वित्त मंत्री ने ग्रामीण भारत पर फोकस किया। प्रवासी मजदूरों, रेहड़ी-पटरी पर दुकान करने वालों और किसानों के लिए तमाम घोषणाएं की गईं। किसान क्रेडिट कार्ट के जरिए 2 लाख करोड़ रुपये का रियायती कर्ज मिलेगा। 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों के लिए 5 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दूसरी किश्त का आकार करीब 3.16 लाख करोड़ रुपय माना जा रहा है।

प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त में राशन

प्रवासी मजदूर की समस्या सबसे गंभीर है। उन्हें मुफ्त में दो महीने तक राशन मिलेगा, जिसके लिए राशन कार्ड होना जरूरी नहीं है। इसके अलावा उन्हें मनरेगा में रोजगार मिलेगा। इसके अलावा पीपीपी मॉडर पर उनके लिए अफोर्डेबल हाउसिंग सोसायटी बनाने की घोषणा की गई है जिसका किराया काफी कम होगा और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होगी। वित्त मंत्री ने पूरे देश में एक समान मजदूरी लागू करने की भी बात की।

पहली किश्त में MSME के लिए 3 लाख करोड़ लोन

वित्त मंत्री ने पहली किश्त में MSME सेक्टर के लिए राहत का ऐलान किया था। उन्हें 3 लाख करोड़ रुपये कोलैट्रल फ्री लोन की सुविधा दी गई। इसके अलावा इस सेक्टर की परिभाषा भी बदल दी गई, जिससे ज्यादा से ज्यादा कंपनियां इस कैटिगरी में शामिल हो पाएं और राहत पैकेज का लाभ मिल सके। पहले दिन का राहत पैकेज करीब 6 लाख करोड़ रुपये का था।

बदल जाएगा 65 साल पुराना आवश्यक वस्तु अधिनियम, किसानों की इनकम बढ़ेगी

सरकार ने अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, आलू और प्याज जैसी कृषि उपज को ‘नियंत्रणमुक्त’ करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशियल कमोडिटी ऐक्ट) में संशोधन करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त जारी करते हुए यह घोषणा की। इन संशोधनों के जरिये जहां खाद्य उत्पादों के उत्पादन और बिक्री को नियंत्रणमुक्त किया जाएगा, वहीं किसी भी उत्पाद पर स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी।

आपदा के समय ही स्टॉक की सीमा लागू होगी

इन उत्पादों पर राष्ट्रीय आपदा मसलन अकाल जैसी आसाधारण परिस्थतियों में ही स्टॉक या भंडारण सीमा लगाई जा सकेगी। कोविड-19 महामारी के बीच सरकार ने अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसी राहत पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रोगेसर्स और वैल्यू चेन के भागीदारों पर भी स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी।

किसानों को मार्केटिंग का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा

सीतारमण ने किसानों को मार्केटिंग का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए कृषि मार्केटिंग सुधारों की भी घोषणा की। उन्होंने मछलीपालन, डेयरी विकास, औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती और मवेशी टीकाकरण के लिए भी नए कोष की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि डेयरी प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन, मवेशी चारा क्षेत्र में निवेश को समर्थन के लिए 15,000 करोड़ रुपये का पशुपालन संरचना विकास कोष स्थापित किया जाएगा।

मवेशियों का होगा टीकाकरण

सीतारमण ने कहा कि सभी मवेशियों को खुरपका- मुंहपका बीमारियों से बचाव के टीकाकरण के लिए 13,343 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मछुआरों को 10,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की घोषणा की। हर्बल खेती को प्रोत्साहन के लिए 4,000 करोड़ रुपये के लिए राष्ट्रीय औषधीय पौध कोष की घोषणा की गई है। इसके तहत 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को इस तरह की स्वास्थ्यवर्धक जड़ी बूटियों की खेती के तहत लाने का लक्ष्य है।

ऑपरेशन ग्रीन का दायरा बढ़ेगा

सीतारमण ने कहा कि अब ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू से आगे सभी फलों और सब्जियों तक किया जाएगा। इन जिंसों के परिवहन और भंडारण पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त में मधुमक्खी पालकों के लिए बुनियादी ढांचा विकास को 500 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की गई है।

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