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अमेरिका दे रहा परमाणु फाइटर जेट F-15EX, चीन और पाकिस्तान में मचा

www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 29th, Jan. 2021.Fri, 1:13 PM (IST) : Team Work: Pawan Vikas Sharma, अमेरिका: एफ-15ईएक्स लड़ाकू विमान अमेरिका के एफ-15ई स्ट्राइक ईगल (F-15E Strike Eagle) का अपडेटेड वर्जन है। जिसे बोइंग डिफेंस स्पेस एंड सिक्योरिटी ने एयरोस्पेस कंपनी मैक्डॉनल डगलस के साथ मिलकर आज से 34 साल पहले 11 दिसंबर 1986 को तैयार किया था। लगभग दो साल बाद एफ-15ई का पहला विमान 30 सितंबर 1989 को अमेरिकी वायुसेना में कमीशन किया गया था। हवा से हवा में मार करने के मामले में इस फाइटर एयरक्राफ्ट का कोई तोड़ नहीं है। इसकी एयरोडायनेमिक बनावट के कारण इसे मल्टीरोल एयरक्राफ्ट की श्रेणी में बेहतरीन माना जाता है।अमेरिका अपने एफए-18 सुपर हॉर्नेट के बाद अब भारत को एफ-15ईएक्स लड़ाकू विमान (F-15EX) ऑफर करने जा रहा है। इस मामले को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय से बोइंग डिफेंस को अपनी हरी झंडी भी दे दी है। परमाणु हमला करने में सक्षम यह लड़ाकू विमान अगर भारतीय वायुसेना में शामिल होता है तो चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसी भी रिपोर्ट है कि लंबे समय से सटीक लड़ाकू विमान की खोज कर रही भारतीय वायुसेना अमेरिका के इस इस डील को अपनी मंजूरी दे सकती है। यह एयरक्राफ्ट इतना घातक है कि अमेरिकी वायुसेना ने भी इसके लिए ऑर्डर दिया हुआ है।एफ-15 के अलग-अलग वैरियंट कई देशों की वायुसेना में शामिल हैं। अमेरिकी वायुसेना में तो 210 की संख्या में एफ-15ईएस लड़ाकू विमान तैनात हैं। जनवरी 2014 से इजरायली वायुसेना में 25 एफ-15आई लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसके अलावा दक्षिण कोरिया की वायुसेना में 2019 से एफ-15के के 59 एयरक्राफ्ट भी तैनात हैं। कतर की वायुसेना ने भी 36 एफ-16क्यू का ऑर्डर दिया हुआ है। सऊदी अरब की वायुसेना में भी 2014 से 70 की संख्या में एफ-15एस ईगल एयरक्राफ्ट तैनात हैं, जबकि 84 एफ-15एसए का ऑर्डर पेंडिंग है। सिंगापुर की वायुसेना में भी 70 एफ-15एसजी लड़ाकू विमान शामिल हैं।बोइंग का दावा है कि एफ-15 लड़ाकू विमान कई युद्धों में अबतक दुश्मनों के 100 से ज्यादा एयरक्राफ्ट को निशाना बना चुका है। जबकि, युद्ध के दौरान अब तक कोई भी एफ-15 दुश्मन की वायुसेना का शिकार नहीं बन सका है। अमेरिकी एयरफोर्स का दावा है कि एफ-15ईएक्स लड़ाकू विमान अपने पुराने वर्जन से हर मायने में अलग है। F-15EX में नए फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल, एक नया इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और उन्नत कॉकपिट सिस्टम के कारण यह दुश्मन के एयरक्राफ्ट पर भारी पड़ता है।अमेरिका दरअसल एफ-15 स्टील्थ लड़ाकू विमान को बना रहा था। जब इस विमान की लागत काफी बढ़ गई तो अमेरिकी रक्षा मंत्रालय चिंतित होने लगा। अमेरिका को बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान की जरूरत थी, लेकिन बजट की कमी के कारण वह एफ-35 को बड़ी संख्या में खरीद नहीं सकता था। इसलिए एफ-15ईएक्स को इसके पुराने मॉडल से विकसित किया गया। जिसमें कई सारी खूबियां एफ-35 से भी शामिल की गईं।भार और बनावट के संदर्भ में एफ-15ईएक्स राफेल से काफी बड़ा है। F-15EX का अधिकतम भार लगभग 36 टन है, जो कि Su-30MKI के लगभग बराबर है। सुखोई एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना का रीढ़ माना जाता है। बोइंग का दावा है कि F-15EX 13 टन से अधिक वजन के हथियार और ईंधन लेकर उड़ान भर सकता है, जबकि राफेल की क्षमता 9.5 टन की है। बोइंग का यह भी दावा है कि एक एफ-15 ईएक्स 22 एयर-टू-एयर मिसाइलों को ले जा सकता है, जो अबतक बनाए गए किसी भी लड़ाकू विमान मे सर्वाधिक है।F-15EX को मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट माना जाता है। यह विमान 13607 किलोग्राम वजन के बराबर का बम लेकर उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें एयर को एयर और एयर टू ग्राउंड मिसाइलें शामिल होती हैं। यह विमान सभी मौसमों में उड़ान भरने में सक्षम है।

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