www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 12th Jul. 2021, Mon. 00: 34 AM (IST) : टीम डिजिटल: ( Article ) Sampada Kerni ,Siddharth & Kapish Sharma
4 साल की उम्र में सिरिशा अकेले अमेरिका गई थीं, आज धरती से 3 लाख फीट ऊपर उड़ान भरी
ट्रैवलर- एस्ट्रोनॉट 004, रोल- रिसर्चर एक्सपीरिएंस, डेट- 11 जुलाई 2021, टाइम- रात 8.10 बजे। आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के चिराला में जन्मीं सिरिशा बांदला न्यू मैक्सिको के स्पेस स्टेशन से अंतरिक्ष की ओर रवाना हुईं। इसी के साथ वे अंतरिक्ष का सफर करने वाली भारत में जन्मीं दूसरी महिला बन गईं। इससे पहले हरियाणा में जन्म लेने वाली कल्पना चावला ने अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी। इनके अलावा स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं।वर्जिन गैलेक्टिक के स्पेस प्लेन VSS Unity में सवार सिरिशा जब ध्वनि से भी तीन गुना तेज रफ्तार से अंतरिक्ष की तरफ जा रही होंगी, तो जाहिर है उनकी आंखों के सामने जिंदगी के 34 साल की झलकियां जरूर आई होंगी। हम यहां सिरिशा की जिंदगी की वही झलकियां पेश कर रहे हैं।
* * * * *रॉकेट में भारत की सिरिशा समेत कुल 6 लोग :- रिचर्ड बतौर मिशन स्पेशलिस्ट स्पेसशिप-2 यूनिटी से जुड़े हैं। उनके साथ भारत की बेटी सिरिशा बांदला समेत 5 और लोगों ने उड़ान भरी। सिरिशा इस मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला के बाद भारत में जन्मीं दूसरी महिला बन गई हैं। 34 साल की सिरिशा एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं। ब्रिटिश अरबपति और वर्जिन ग्रुप के फाउंडर रिचर्ड ब्रैन्सन ने रविवार को इतिहास रच दिया। वे वर्जिन गैलेक्टिक रॉकेट प्लेन से 60 मिनट की अंतरिक्ष यात्रा करके लौटे। लैंडिंग के साथ ही उन्होंने अपने इस अनुभव को यादगार बताया। ब्रैन्सन ने कहा, ‘यह जिंदगी का यादगार अनुभव है। वर्जिन गैलेक्टिक पर 17 साल से काम कर रही हमारी बेहतरीन टीम को बधाई। इतने लंबे वक्त तक उनकी बेहद कड़ी मेहनत से ही हम यहां तक पहुंच सके। वर्जिन गैलेक्टिक के पैसेंजर रॉकेट प्लेन VSS यूनिटी में सवार होकर ब्रैन्सन अंतरिक्ष के किनारे तक गए और वहां भारहीनता का अनुभव भी किया। प्लेन ने रात करीब 8.10 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) न्यू मैक्सिको से उड़ान भरी थी। वर्जिन ग्रुप ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर बताया था कि इसे शाम 6.30 बजे उड़ान भरनी थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से लॉन्चिंग का वक्त डेढ़ घंटे आगे बढ़ा दिया गया था। तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक रिचर्ड ब्रैन्सन की अंतरिक्ष यात्रा 150 मिनट की रहने वाली थी, लेकिन वे 60 मिनट यानी एक घंटे में ही अपना सफर पूरा करके लौट आए। यात्रा के समय में इस बदलाव की वजह के बारे में वर्जिन ग्रुप या ब्रैन्सन की तरफ से फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। उड़ान से पहले ब्रैन्सन ने कहा कि मेरा मिशन स्टेटमेंट है, मेरे नाती-पोतों, आपके नाती-पोतों और सबके लिए अंतरिक्ष यात्रा का सपना सच करना। उनके इस सफर को देखने के लिए टेस्ला के CEO एलन मस्क भी पहुंचे हैं। उनकी कंपनी स्पेसएक्स भी स्पेस टूरिज्म की बड़ी खिलाड़ी बनने की कोशिशों में जुटी है * * *
महज 4 साल की उम्र में आंध्र प्रदेश से अमेरिका का सफर, अंतरिक्ष जाने का सपना देखना, एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना, आंख में कुछ कमी की वजह से NASA न जा पाना, स्ट्रीम बदलकर स्पेस पॉलिसी चुनना, वर्जिन गैलेक्टिक में इंटर्न से वाइस प्रेसिडेंट तक का सफर और अब अंतरिक्ष की उड़ान। आइए, शुरू से शुरू करते हैं 4 साल की उम्र में बिना पेरेंट्स के गईं अमेरिका आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के चिराला में 1987 में सिरिशा का जन्म हुआ। उनके पिता बी मुरलीधर और मां अनुराधा अमेरिका में जॉब करते थे। वो सिरिशा को दादा-दादी के पास छोड़कर अमेरिका चले गए। जब सिरिशा महज 4 साल की थीं, तो उन्होंने बिना पेरेंट्स के भारत से अमेरिका की उड़ान भरी थी। सिरिशा के दादा डॉ. रगैया बांदला एक इंटरव्यू में बताते हैं, ‘उसके साथ एक हमारे जानने वाले थे, जो सिरिशा के लिए बिल्कुल अजनबी थे। इतनी छोटी उम्र में भी वो अकेले फ्लाइट से जाने के लिए उत्साहित थी। अमेरिका के ह्यूस्टन में नासा का जॉनसन स्पेस सेंटर है। बचपन से ही सिरिशा अंतरिक्ष से जुड़े लोगों को अपने आस-पास देखती थी। सिरिशा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, ‘मैंने देखना शुरू किया कि कैसे लोग अंतरिक्ष यात्री बनते हैं। उसके बाद मैंने इसी फील्ड में अपना करियर बनाने का फैसला किया।’ सिरिशा ने एयरोस्पेस और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में 2011 में ग्रेजुएशन किया है। सिरिशा NASA जाना चाहती थीं, लेकिन आंख में कुछ कमी की वजह से ऐसा नहीं हो सका। फिर उनके एक प्रोफेसर ने उन्हें स्पेस पॉलिसी चुनने की सलाह दी। इसमें अंतरिक्ष से जुड़ी सरकारी नीतियों का अध्ययन किया जाता है। सिरिसा ने जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से 2015 में MBA की पढ़ाई की। जुलाई 2015 में सिरिशा ने रिचर्ड ब्रैन्सन की कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक जॉइन की। महज दो साल में उनके काम से प्रभावित होकर कंपनी ने प्रमोशन कर दिया और वो 2017 में वर्जिन गैलेक्टिक की बिजनेस डेवलपमेंट और गवर्नमेंट अफेयर्स मैनेजर बन गईं। 6 साल में 3 प्रमोशन पाकर सिरिशा अब वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी की गवर्नमेट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस में वाइस प्रेसिडेंट हैं। वर्जिन के संस्थापक रिचर्ड ब्रैन्सन ने कहा, ‘वर्जिन ऑर्बिट की उड़ान में कुल मिलाकर 6 लोग होंगे। जिसमें मैं खुद भी शामिल हूं। हम किसी और को अंतरिक्ष पर ले जाने से पहले कंपनी के कर्मचारियों को ले जाना चाहते हैं। यह हमारी अंतरिक्ष में चौथी उड़ान होगी।’ VSS यूनिटी22 धरती से करीब 90 किलोमीटर यानी 2.95 लाख फीट की ऊंचाई तक जाएगा। सिरिशा और उनके साथी एस्ट्रोनॉट करीब 4 मिनट तक अंतरिक्ष में वेटलेसनेस महसूस करेंगे। वहां से पृथ्वी गोल नजर आएगी। इसके बाद ये फ्लाइट पृथ्वी पर लौटेगी और स्पेसपोर्ट के रनवे पर उतरेगी। सिरिशा को भारतीय डिश काफी पसंद हैं। मां उनकी पसंदीदा मटन बिरयानी लेकर न्यू मैक्सिको पहुंची हैं, जहां से वो उड़ान भरेंगी। सिरिशा की ऑल टाइम फेवरेट है पीली दाल। स्पेस से लौटने के बाद वो मां से इसे बनाने को कहेंगी। वो कहती हैं, ‘ये मेरा कंफर्ट फूड है। पीली दाल, गर्म चावल और थोड़ा घी। मैं कोशिश करती हूं, लेकिन अपनी मां जैसा नहीं बना पाती।’ सिरिशा का कहना है, ‘मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपने साथ भारत को भी ऊपर लेकर जा रही हूं।
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